हुनर को तराशने में कभी भी आड़े नहीं आता धर्म और जाति
मजहब कोई भी हो, उसका मकसद इंसान को इंसानियत का पाठ पढ़ाना ही है। शिक्षक कोई भी हो, उसका मकसद है उजियारा फैलाना।
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