अदालत की कार्रवाई का वीडियो बनाना इंस्पेक्टर को पड़ा महंगा, चलेगा अवमानना का मामला
नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस के एक इंस्पेक्टर को अदालत की कार्यवाही का मोबाइल पर वीडियो बनाते पकड़े जाने के बाद अदालत ने अब इस इंस्पेक्टर पर अदालत के अवमानना की कार्रवाई करने का आग्रह हाइकोर्ट से किया है। यह मामना रोहिणी जिला अदालत का है।
हत्या के मुकदमे की चल रही थी कार्रवाई
रोहिणी जिला अदालत में अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी एकता गॉबा की हत्या के मुकदमे में सुनवाई चल रही थी। आरोपी फिरोज जब अदालत में अपना बयान दर्ज कराने लगा तो अदालत में मौजूद इंस्पेक्टर दीपक मलिक चोरी से अपने मोबाइल पर बयान की वीडियो रिकार्डिंग करने लगे। ऐसा करते उन्हें देखे जाने पर अदालत में हंगामा मच गया। उस समय आरोपी फिरोज और इंस्पेक्टर दीपक मलिक के अलावा आरोपी की वकील डेजी रेखा, थाना प्रभारी मौर्य एंक्लेव रणजय अतरिशिया भी अदालत में मौजूद थे।
इंस्पेक्टर मुकरा रिकॉर्डिंग की बात
जब इस बारे में अदालत ने इंस्पेक्टर से पूछताछ की तो वह दीपक वीडियो रिकार्डिंग की बात से सीधे मुकर गया। इसके बाद कंप्यूटर विभाग के स्टाफ से उसका मोबाइल चेक किया गया तो उसमें अदालती कार्यवाही की रिकार्डिंग का वीडियो मिल गया। इसके बाद भी दीपक ने वीडियो रिकॉर्डिंग करने की बात स्वीकार नहीं की। उसने कहा कि उसे नहीं पता कि कैसे रिकॉर्डिंग हो गई। लगता है यह अपने आप हो गया है।
बचाव पक्ष ने की अवमानना की मांग
जबकि बचाव पक्ष की वकीन डेजी रेखा ने इस पर आपत्ति जताते हुए इंस्पेक्टर दीपक मलिक पर अदालत की अवमानना की कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने कहा कि इंस्पेक्टर दीपक मलिक को कानून के साथ-साथ अदालत पर भी भरोसा नहीं है। इसलिए इन पर अदालत की अवमानना का मामला बनता है। इसके बाद अदालत ने इसके बाद आरोपी का बयान और इंस्पेक्टर का मोबाइल हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के पास भेजने का निर्देश दे दिया।
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