Babri Masjid: आडवाणी-जोशी-भारती समेत 32 आरोपियों पर विशेष सीबीआई कोर्ट का फैसला आज

नई दिल्ली। अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले ( babari Masjid Case )में आज यानी बुधवार को फैसले का दिन है। स्पेशल सीबीआई कोर्ट इस मामले में आज फैसला सुनाएगी। दशकों पुराने इस हाई प्रोफाइल केस में देश के पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और सांसद उमा भारती समेत 32 अभियुक्त शामिल हैं।

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लखनऊ की विशेष सीबीआई अदालत के जज सुरेंद्र कुमार यादव ने इस माह 16 सितंबर को अयोध्या आपराधिक साजिश मामले में 30 सितंबर को फैसला सुनाए जाने की तारीख की घोषणा की थी। सितंबर की शुरुआत में विशेष सीबीआई कोर्ट ने मामले से जुड़े सभी 32 आरोपियों के बयान दर्ज कर सुनवाई पूरी कर ली थी।

इस मामले में भाजपा नेताओं समेत 25 आरोपियों की ओर से केस लड़ने वाले वकील केके मिश्रा ने अदालत द्वारा फैसला सुनाने की निर्धारित तारीख की पुष्टि की थी। मिश्रा लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती समेत इस केस के कुल 32 आरोपियों में से 25 की तरफ से मुकदमा लड़ रहे हैं।

बाबरी विध्वंस मामला

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा विशेष सीबीआई कोर्ट को इस मामले को निपटाने के लिए एक महीने की समय सीमा दी गई थी। 30 सितंबर की तारीख इसी विस्तार के मुताबिक है क्योंकि विशेष सीबीआई अदालत द्वारा फैसले सुनाने के लिए पूर्व में दी गई समय सीमा 31 अगस्त को ही खत्म हो गई थी।

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गौरतलब है कि वरिष्ठ भाजपा राजनेताओं से जुड़े इस अति संवेदनशील मामले को सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई निर्धारित समय सीमा तक पूरा करने के निर्देश के बावजूद लंबे वक्त तक खींचा गया। सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2019 में इस केस में आपराधिक मुकदमा पूरा करने की मियाद छह माह के लिए बढ़ा दी थी, जबकि अदालत को अंतिम आदेश देने के लिए कुल नौ महीने की मोहलत दी थी।

19 अप्रैल 2020 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्पेशल सीबीआई कोर्ट को दी गई यह समय सीमा खत्म हो गई। हालांकि तब सुप्रीम कोर्ट ने फिर से इस मामले को निपटाने के लिए 31 अगस्त तक एक और विस्तार दिया। सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल 2017 को विशेष सीबीआई अदालत को आदेश दिया था कि वो विशेष न्यायाधीश को रोजाना इस मामले की दो सुनवाई करने के कहें और इसे दो वर्षों में पूरा करे।

बाबरी विध्वंस मामला
IMAGE CREDIT: ayodhya

बता दें कि कोर्ट ने अयोध्या के विवादित ढांचे को ध्वस्त किए जाने की कार्रवाई अपराध बताया था। इसे "संविधान के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने" को हिलाने वाली घटना बताया गया। फिर वीआईपी आरोपियों के विरुद्ध आपराधिक साजिश के आरोप की बहाली के लिए सीबीआई की याचिका को अनुमति दे दी गई।

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12 फरवरी 2001 के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले में आडवाणी और अन्य के खिलाफ साजिश रचने के आरोप हटाने को उच्चतम न्यायालय द्वारा "गलत" करार दिया था। फिर सुप्रीम कोर्ट के वर्ष 2017 के फैसले से पहले बाबरी विध्वंस से जुड़े दो मामले लखनऊ और रायबरेली में अलग-अलग चल रहे थे।

इसमें पहला मामला लखनऊ की एक अदालत में कथितरूप से "कारसेवकों" के नाम से जुड़ा था। जबकि दूसरा केस रायबरेली की अदालत में आठ वीआईपी से संबंधित मामलों का था। सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2017 में रायबरेली में चल रहे केस को लखनऊ की स्पेशल सीबीआई कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था।

बाबरी विध्वंस मामला

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में शामिल आरोपियों के नाम

  1. लालकृष्ण आडवाणी
  2. मुरली मनोहर जोशी
  3. सुधीर कक्कड़
  4. सतीश प्रधान
  5. राम चंद्र खत्री
  6. संतोष दुबे
  7. ओम प्रकाश पांडे
  8. कल्याण सिंह
  9. उमा भारती
  10. राम विलास वेदांती
  11. विनय कटियार
  12. कमलेश त्रिपाठी
  13. बृजभूषण सिंह
  14. रामजी गुप्ता
  15. महंत नृत्य गोपाल दास
  16. चंपत राय
  17. साक्षी महाराज
  18. विनय कुमार राय
  19. साध्वी ऋतंभरा
  20. पवन पांडे
  21. विजय बहादुर
  22. प्रकाश शारना
  23. गांधी यादव
  24. जय भान सिंह
  25. लल्लू सिंह
  26. नवीन भाई शुक्ला
  27. धर्मदास
  28. जय भगवान गोयल
  29. अमरनाथ गोयल
  30. विजय बहादुर
  31. धर्मेंद्र सिंह गुर्जर


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