सफूरा जरगर बाकी स्टूडेंट्स को भड़का रही हैं... जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने कैंपस में घुसने पर लगाई रोक
नई दिल्ली: ने 2020 के दिल्ली दंगों की आरोपी समेत अपने तीन पूर्व छात्रों के परिसर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। विश्वविद्यालय ने एक 'अप्रासंगिक और आपत्तिजनक' मुद्दे पर विश्वविद्यालय में 'प्रदर्शन' करने के आरोप में उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। मुख्य प्रॉक्टर द्वारा हस्ताक्षरित, 14 सितंबर के आदेश में कहा गया है कि सक्षम प्राधिकारी ने शांतिपूर्ण शैक्षणिक माहौल बनाए रखने के लिए पूर्व छात्रों के परिसर में प्रवेश पर प्रतिबंध को मंजूरी दे दी है। कार्यकर्ता और शोधार्थी जरगर दिसंबर 2019 में संसद द्वारा संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) पारित किए जाने के बाद सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों में कथित रूप से शामिल होने के कारण चर्चा में आई थीं। जरगर के अलावा जामिया मिल्लिया इस्लामिया के दो और पूर्व छात्रों के खिलाफ भी आदेश जारी किए गए हैं। दो पूर्व छात्रों के खिलाफ आदेशों में भाषा समान है, जरगर को लेकर आदेश में 'शांतिपूर्ण शैक्षणिक माहौल को बिगाड़ने के लिए अप्रासंगिक और आपत्तिजनक मुद्दों के खिलाफ' परिसर में आंदोलन, प्रदर्शन और मार्च आयोजित करने में उनकी भागीदारी का उल्लेख है। आदेश में कहा गया कि जरगर संस्थान के सामान्य कामकाज में बाधा डाल रही हैं। यह आदेश ऐसे समय में आया है जब विश्वविद्यालय ने जरगर के शोध प्रबंध में ‘असंतोषजनक’ प्रगति के कारण उनका दाखिला रद्द कर दिया था। जरगर ने परिसर में प्रतिबंध को लेकर टिप्पणी करने से इनकार किया। जरगर कई अन्य छात्रों के साथ अपना दाखिला रद्द करने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। आदेश में कहा गया, 'सफूरा जरगर एम. फिल, समाजशास्त्र विभाग, सामाजिक विज्ञान संकाय की पूर्व छात्रा हैं। वह 23 फरवरी 2020 को भड़काने और शुरू करने के लिए अन्य लोगों के साथ साजिश रचने के आरोपियों में से एक है। उनके खिलाफ दिल्ली पुलिस द्वारा गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए), 1967 के तहत मामला दर्ज किया गया था।' आदेश में कहा गया, 'कई अवसर देने के बावजूद दी गई अवधि के भीतर एम. फिल शोध प्रबंध प्रस्तुत न करने के कारण उनका नाम एम.फिल से हटा दिया गया और वह जामिया मिलिया इस्लामिया की छात्रा नहीं हैं।' दो पूर्व छात्रों के खिलाफ जारी नोटिस में कहा गया है कि वे 30 अगस्त को विश्वविद्यालय की सेंट्रल कैंटीन में सभा करने सहित परिसर में कई बार छात्रों की अनधिकृत सभाओं में सबसे आगे थे। विश्वविद्यालय ने कहा कि वे जामिया के छात्र नहीं होने के बावजूद परिसर में आंदोलन, प्रदर्शन और मार्च आयोजित करने में शामिल पाए गए हैं।
from https://ift.tt/8bdUp7y
No comments