चीन को करारा जवाब देगा ताइवान की नौसेना का सबसे बड़ा जहाज, एक साथ 32 मिसाइलें होंगी लॉन्‍च

ताइपे: ताइवान की नौसेना ने शनिवार को औपचारिक तौर पर पहली असॉल्‍ट शिप को शामिल कर लिया है। यह युशान क्‍लास का जहाज है जो डॉक्‍स के लिए एक लैंडिंग प्‍लेटफॉर्म का काम करेगा। यह जहाज अमेरिका के पास मौजूद सैन एंटोनियो क्‍लास से काफी मिलता जुलता है। यह जहाज अपने हथियारों की वजह से काफी खास है। इसके एंटी-एयरक्राफ्ट हथियार खासतौर पर 32 मध्‍यम रेंज की जमीन से हवा में हमला करने वाली मिसाइलें, इसे सबसे घातक बनाती हैं। इस जहाज के आने के बाद नौसेना के साथ ही साथ ताइवान की वायुसेना की ताकत में भी इजाफा हुआ है। जून 2020 में शुरू हुआ काम काओहसिउंग में हुए एक कार्यक्रम में युशान (LPD-1401) को आधिकारिक तौर पर नौसेना को सौंप दिया गया। इस कार्यक्रम में ताइवान की राष्‍ट्रपति त्‍साई इंग वेन भी मौजूद थीं। इस जहाज को सरकारी नियंत्रण वाली कंपनी चाइना शिपबिल्‍डिंग कॉरपोरेशन (CSBC) ने तैयार किया है। जून 2020 में इसका निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुई और अप्रैल 2021 में इसे लॉन्‍च कर दिया गया। इसी साल जुलाई में इसके परीक्षण शुरू हुए थे। कमीशनिंग सेरेमनी में बोलते हुए राष्‍ट्रपति त्‍साई इंग वेन ने कहा कि यह नया जहाज ताइवान को उस रास्‍ते पर ले जाता है जो राष्‍ट्रीय सुरक्षा स्‍वायत्‍ता से जुड़ा है। इसमें स्‍थानीय स्‍तर पर एडवांस्‍ड वॉरशिप्‍स और पनडुब्‍बी का उत्‍पादन किया जाएगा। 16,000 टन है वजन उन्‍होंने कहा कि ऐसे समय में जब चीन की तरफ से खतरा बढ़ रहा है, यह जहाज ताइवान की सेल्‍फ-डिफेंस क्षमताओं को और बढ़ाएगा। इस जहाज का नाम ताइवान के सबसे ऊंचे पहाड़ पर रखा गया है। लोकल इंडस्‍ट्री की तरफ से निर्मित यह अब तक की सबसे बड़ी ताइवानी वॉरशिप है। पूरी तरह से लोड होने के बाद इसका वजन 16,000 टन तक पहुंच जाता है। जबकि इस समय ताइवान छेंग कुंग क्‍लास की फ्रीगेट पर भी काम कर रहा है जिसका वजन 4100 टन है। जरूरत पड़ने पर करेगा युद्ध इस जहाज की लंबाई करीब 500 फीट है और इसका तला करीब 20 फीट गहरा है। यह जहाज करीब 21 नॉट्स यानी 38.89 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 11265.41 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकता है। ताइवान की नौसेना के पास जो दूसरे ऐसे जहाज हैं, वो काफी पुराने हैं जिन्‍हें अमेरिकी नौसेना ने ट्रांसफर किया था। युशान, कॉम्‍बेट यानी युद्धक जहाजों का सपोर्ट सिस्‍टम होगा। ल‍ेकिन संकट की स्थिति में यह भी दुश्‍मन से युद्ध लड़ सकता है। अमेरिकी मदद की खबर नहीं अभी तक यह जानकारी नहीं मिल सकी है कि क्‍या अमेरिका ने इसे तैयार करने में कोई मदद दी है। अमे‍रिका पहले ही ताइवान के साथ एडवांस्‍ड टेक्‍नोलॉजी को शेयर करने की इच्‍छा जता चुका है। ताइवान का यह जहाज कुछ हद तक चीन के टाइप 071 एम्‍फीबियस जहाज के जैसा भी दिखता है। ताइवान की तरफ से किए गए एक ट्वीट में कहा गया है कि यह जहाज सैनिकों को ले जा सकता है और साथ ही जरूरी सामान भी इसके जरिए भेजा जा सकता है।


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