ऋतुजा लटके के खिलाफ BJP का साथ देकर कौन सी नैतिकता निभा रहे हैं एकनाथ शिंदे? उद्धव ठाकरे गुट का हमला

मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) में अंधेरी पूर्व विधानसभा उपचुनाव (Andheri By-Election) के लिए भले ही (Rutuja Latke) गुट की आधिकारिक उम्मीदवार बन गई हैं। बावजूद इसके कई चुनौतियां उनके सामने मुंह बाए खड़ी हैं। खुद ऋतुजा लटके ने भी कहा है कि इस्तीफे की जंग तो जीत ली है लेकिन लड़ाई अभी बाकी है, मैं वहां भी जीत दर्ज करूंगी। खैर बीएमसी (BMC) और ऋतुजा लटके के बीच की जंग का गवाह तो पूरा देश है लेकिन इस चुनाव में नैतिकता का हवाला देने वाले नेता ही अब उसे तार-तार करने में लगे हुए हैं। उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) से अलग होने की एक बड़ी वजह एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने यह बताई थी कि वह नैतिकता और सिद्धांतों से समझौता करते जा रहे हैं। जिस विचारधारा और जिन पार्टियों का विरोध दिवंगत बाला साहेब ठाकरे ने जीवन भर किया। उद्धव ठाकरे अब उसी कांग्रेस (Congress) और एनसीपी (NCP) के हाथ की कठपुतली बने हुए हैं। कहते हैं कि इतिहास खुद को दोहराता है। महाराष्ट्र में एक बार फिर से वैसा ही सब कुछ घटित होता हुआ नजर आ रहा है। पहले बीजेपी (BJP) ने उद्धव ठाकरे पर नैतिकता और विचारों को छोड़ने का आरोप लगाया गया। अब वही काम एकनाथ शिंदे, उनका गुट और सहयोगी पार्टी बीजेपी कर रही है। फिलहाल अंधेरी विधानसभा उपचुनाव के लिए ऋतुजा लटके और मूरजी पटेल ने पर्चा भरकर इस चुनावी जंग का शंखनाद कर दिया है। दोनों ही गुट अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। रमेश लटके के विधवा के खिलाफ उतारा उम्मीदवारउद्धव ठाकरे गुट के प्रवक्ता आनंद दुबे आरोप लगाया कि बीजेपी की करनी और कथनी में बहुत अंतर है। वो नैतिकता की बात करते हैं लेकिन बीजेपी के मुंह से नैतिकता की बात ठीक नहीं लगती है। एक विधवा के खिलाफ अपना उम्मीदवार उतारकर बीजेपी किस नैतिकता की बात करती है। बीजेपी नेता, नारायण राणे कहते हैं कि रमेश लटके जिंदा होते तो एकनाथ शिंदे गुट के साथ होते। मेरा सवाल है कि क्या अभी उन्हें अच्छा लग रहा होगा जब रमेश लटके यह देखते होंगे कि उनकी ही पार्टी के लोग उनकी पत्नी ऋतुजा लटके के खिलाफ अपना उम्मीदवार उतार रहे हैं। ताकि एक उपचुनाव जीता जा सके। उद्धव ठाकरे को छोड़ बीजेपी से हाथ मिलाकर सरकार बनाने वाले एकनाथ शिंदे के लिए नैतिकता के पैमाने बदल चुके हैं क्या? कुछ दिन पहले तक शिंदे गुट के नेता यह कह रहे थे कि ऋतुजा लटके के खिलाफ उम्मीदवार नहीं देंगे। इससे जनता के बीच गलत मैसेज जाएगा। लेकिन ऋतुजा चुनाव न लड़ पाएं इसके लिए उन्हें अदालत की चौखट तक जाने के लिए मजबूर किया गया। क्या बीजेपी का साथ देकर शिंदे गुट एक विधवा के प्रति अपनी नैतिकता निभा रहा है। एनसीपी के निशाने पर बीजेपीराजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले शरद पवार की पार्टी एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाईड क्रास्टो ने कहा कि ई चुनाव में जीत ऋतुजा लटके की होगी। बीजेपी और शिंदे गुट ने मिलकर उन्हें इस्तीफे के नाम पर परेशान करने का जो काम किया है। उसका हिसाब जनता जरूर लेगी। उन्होंने कहा कि कल तक बीजेपी नेता और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यह कह रहे थे कि मुरजी पटेल की उम्मीदवारी को लेकर अभी तक कुछ फाइनल नहीं हुआ है। हालांकि सब जगह उनके नाम की चर्चा थी। खबर यह भी आई थी कि मुरजी पटेल बीजेपी मुंबई अध्यक्ष आशीष शेलार के आदमी है। उनके कार्यालय की ओपनिंग में शेलार खुद गए थे और यह कहा था कि मुरजी शिंदे- बीजेपी गुट के उम्मीदवार हैं। फिलहाल एक पार्टी के दो नेताओं की दो पाटों से यह भी पता चलता है कि पटेल की उम्मीदवारी से पार्टी दो धड़ों में बंटी हुई नजर आ रही है। टूट जाएगी महाराष्ट्र की परंपरामुंबई के अंधेरी पूर्व विधानसभा उपचुनाव में राज्य की दशकों पुरानी परंपरा टूटने के कगार पर पहुंच चुकी है। दरअसल महाराष्ट्र में यह परंपरा है कि अगर किसी भी विधायक या सांसद की आकस्मिक मौत हो जाती है। तब उस सीट पर उतारे गए उम्मीदवार के खिलाफ कोई भी अन्य पार्टी अपना उम्मीदवार नहीं उतारती है। हालांकि, मुंबई की अंधेरी की सीट पर बीजेपी ने अपना उम्मीदवार उतारा है। जबकि इस सीट से ऋतुजा लटके उद्धव ठाकरे गुट की प्रत्यशी हैं। अब इसी बात को लेकर महाविकास अघाड़ी और उद्धव ठाकरे गुट मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं।


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