खुशी इतनी कि आंखें भर आईं... छठ मनाने ऑस्ट्रेलिया से मुजफ्फरपुर पहुंचा ये दंपती
मुजफ्फरपुर : आस्था के महापर्व छठ (Chhath Mahaparv 2022) का आज तीसरा दिन है। इस महापर्व में शामिल होने के लिए देश ही सात समंदर पार से भी लोग अपने घरों को आए हैं। ये छठी मइया के प्रति उनकी आस्था है। ऐसा ही एक दंपती है जो ऑस्ट्रेलिया में रहता है और पिछले चार साल से छठ पर्व में बिहार आने की कोशिश कर रहा था। लेकिन, कोरोना काल होने के कारण वे नहीं आ सके। हम बात कर रहे हैं। मनियारी के रमेश प्रसाद सिंह के बेटे नीलेश कुमार और उनकी पत्नी श्वेता की। नीलेश ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड में एक आईटी कंपनी में बतौर इंजीनियर कार्यरत हैं। श्वेता के पिता अशोक कुमार सिंह नगर निगम में पदाधिकारी हैं। इस बार इनके दामाद और बेटी अपने गांव छठ पर्व में शामिल होने पहुंचे हैं। खुशी इतनी की आंखें भर आईं श्वेता ने बताया कि चार साल बाद फिर से इस महापर्व में शामिल होने का मौका मिला है। ऑस्ट्रेलिया में कोरोना काल में दो बार आने की कोशिश की। लेकिन आ नहीं पाए। कहती हैं, जब भी छठ पर्व होता तो वीडियो कॉलिंग कर यहां से उनकी सास या अन्य लोग दिखाते थे। यह देखकर मन और भी लालायित हो उठता था। सोचती काश आज मैं भी वहां होती। सोशल मीडिया और यू-ट्यूब पर छठी मइया के गाने सुनती थी। लेकिन, मन नहीं भरता था। यहां आकर आज इतनी खुशी मिल रही है की बता नहीं सकती हूं। ये कहते हुए उनकी आंखें भर आती हैं। देखिए ऑस्ट्रेलिया से दंपती ने क्या कहा वहां थोड़ा बहुत पता लगता था नीलेश कहते हैं कि एडिलेड में कुछ बिहार के लोग रहते हैं। जब छठ पूजा होता तो थोड़े बहुत गाने सुनने को मिल जाते थे। हालांकि, बहुत ज्यादा पता नहीं लगता था। काफी कोशिशों के बाद इस बार घर पर आने का मौका मिला है। एक महीने की छुट्टी लेकर आया हूं। माता-पिता के साथ अच्छे से वक्त बिताऊंगा और छठ पूजा का पूरा आनंद उठाऊंगा। साथ में उनका बेटा आरव भी आया है। वह टूटी-फूटी हिंदी बोलता है। लेकिन, माता पिता ने उसमे भारतीय संस्कृति को अच्छे तरह से भरा है। पैर छूने से लेकर छठ पूजा के महत्व और इसकी आस्था को वह समझता है। बेटे के लिए महापर्व करने अमेरिका से नवादा आईं मोनी सिंह छठ महापर्व में शामिल होने के लिए अमेरिका में रहने वाली मोनिका सिंह भी बिहार आई हैं। वो सीधे अपने ससुराल नवादा पहुंच गई हैं और व्रत कर रही हैं। मोनी कहती हैं कि छठ में परिवार के लोग बहुत याद आते हैं परिवार के साथ अपने परिवेश में ये पर्व करने की बात ही कुछ और है। ससुराल में उन्होंने पहली बार 2021 में छठ किया था। इसके बाद छठी मइया की कृपा हुई, तो फिर इंडिया आकर छठ करने लगीं। मोनी कहती हैं कि अपनी संस्कृति और सभ्यता को कैसे भूल सकती हूं। मेरे लिए छठ पूजा एक पूजा नहीं, बल्कि एक परिवार का बड़ा उत्सव है। मोनी सिंह अमेरिका के कैलिफोर्निया में एक बैंक में कर्मचारी हैं। इनके पति बुंदेलखंड निवासी धीरज कुमार कैलिफोर्निया में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं।
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