F-35: कब-कब क्रैश हुआ दुनिया का सबसे ताकतवर लड़ाकू विमान, 2006 में भरी थी पहली उड़ान

वॉशिंगटन: अमेरिका के को दुनिया का सबसे ताकतवर लड़ाकू विमान माना जाता है। यह विमान स्टील्थ फीचर से लैस है, जो जल्दी से रडार की पकड़ में नहीं आता। यह सिंगल सीट, सिंगल इंजन, पांचवी पीढ़ी का लड़ाकू विमान है। अमेरिका अपने एफ-35 विमान को 21वीं सदी के सबसे उन्नत मल्टीरोल फाइटर जेट के रूप में प्रचारित करता है। लेकिन, बहुत ही कम लोगों को जानकारी होगी कि भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस के 5 साल बाद पहली उड़ान भरने वाला यह अत्याधुनिक लड़ाकू विमान अब तक 8 बार दुर्घटनाग्रस्त हो चुका है। वहीं, भारत का तेजस अब तक बिना किसी एक्सीडेंट के सफलतापूर्वक अपनी सेवाएं दे रहा है। दक्षिण कोरिया ने कुछ दिनों पहले ही एफ-35 लड़ाकू विमान को लेकर गंभीर शिकायतें की थी। दक्षिण कोरिया को मिले 40 एफ-35 लड़ाकू विमान 18 महीने में 234 बार उड़ तक नहीं सके थे। कितना ताकतवर है एफ-35 लॉकहीड मार्टिन एफ-35 लड़ाकू विमान वर्टिकल-टेक ऑफ और लैंडिंग तकनीकी से लैस है। एफ-35 के पहले प्रोटोटाइप ने 15 दिसंबर 2006 को पहली बार उड़ान भरी थी। एफ-35 की अब तक 770 यूनिट का निर्माण किया जा चुका है। एक एफ-35 लड़ाकू विमान की कीमत 122 मिलियन डॉलर है। इस विमान के तीन वेरिएंट्स को बनाया गया है। इसका इस्तेमाल अमेरिकी नौसेना, वायु सेना के अलावा मरीन कॉप्स करती है। अमेरिका ने एफ-35 लड़ाकू विमान को दुनिया के कई देशों को बेचा है। इनमें यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, इटली, कनाडा, नीदरलैंड, नॉर्वे, डेनमार्क, दक्षिण कोरिया, तुर्की, इजरायल और जापान या तो इसे ऑपरेट कर रहे हैं या फिर खरीदने की प्रक्रिया में हैं। कब-कब दुर्घटनाग्रस्त हुए एफ-35
दक्षिण कोरिया में धूल फांक रहे एफ-35 विमान दक्षिण कोरिया ने शिकायत की थी कि तकनीकी खामी के कारण उसके एफ-35 लड़ाकू विमान उड़ान नहीं भर पा रहे हैं। पिछले 18 महीनों के दौरान 172 मामलों में एफ-35 विमानों को उड़ान भरने योग्य ही नहीं पाया गया। वहीं, 62 मामले ऐसे भी थे, जिसमें एफ-35 लड़ाकू विमान उड़ान भर सकते थे लेकिन वे मिशन को पूरा करने में असमर्थ थे। जमीन पर धूल फांक रहे एफ-35 लड़ाकू विमान पिछले साल औसतन सिर्फ 12 दिन और उसके पहले के छह महीनों में 11 दिन ही मिशन को अंजाम दे सके। इनकी तुलना में दक्षिण कोरियाई वायु सेना में शामिल F-4E और F-5 जैसे पुराने लड़ाकू विमानों को 18 महीने में सिर्फ 26 और 28 बार ही ग्राउंडेड किया गया।
दुर्घटना की तारीख | दुर्घटना का कारण | दुर्घटना की जगह |
सितंबर 2018 | नोज लैंडिंग गियर टूटा | ल्गिन एयरफोर्स बेस, फ्लोरिडा |
सितंबर 2018 | डिफेक्टिव इंजन फ्यूल ट्यूब | मरीन कॉप्स एयर स्टेशन, साउथ कैरोलीना |
अप्रैल 2019 | पायलट की गलती | होन्सू , जापान |
मई 2020 | तेज लैंडिंग स्पीड | एल्गिन एयरफोर्स बेस, फ्लोरिडा |
अक्टूबर 2020 | हवा में टक्कर | नेवल एयर फैसिलिटी, अल सेंट्रो, कैलिफोर्निया |
नवंबर 2021 | विमान के एयर इंटेक में कचरा | एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ एयरक्राफ्ट कैरियर, भूमध्य सागर |
जनवरी 2022 | एयरक्राफ्ट कैरियर पर लैंडिंग फेल | यूएसएस कॉर्ल विल्सन, दक्षिण चीन सागर |
अक्टूबर 2022 | अज्ञात | सॉल्ट लेक सिटी, उटा |
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