'60' से माने नहीं तो 'एका' पर लगाया दांव, सीएम नीतीश के 100K प्लान से चौपट होगा धंधा?

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( Nitish Kumar ) बिहार में शराबबंदी ( ) को सफल बनाने के लिए 'एका' पर दांव लगाया है। मतलब साफ है कि नीतीश कुमार की सरकार अब शराब और ताड़ी बेचने का काम छोड़ने वाले को एक लाख रुपये देगी। ऐसा नहीं है कि पहली बार बिहार सरकार कोई स्कीम लेकर आई है। इससे पहले भी नीतीश सरकार शराब और ताड़ी का धंधा छोड़ने वाले को रोजगार करने के लिए 60 हजार रुपये देती थी। इसी योजना के तहत राशि को बढ़ाकर एक लाख कर दिया गया है। यूं कहें तो नीतीश सरकार बिहार में शराबबंदी को सफल बनाने के लिए अंतिम दांव चली है। अब जानिए अंतिम दांव क्योंबिहार में 2016 से शराबबंदी है। शराबबंदी को सफल बनाने के लिए सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी, बावजूद इसके 6 साल बाद भी शराबबंदी सफल नहीं हुई! हालात ऐसे हो गए हैं कि हर गली-मोहल्ले में शराब माफिया पैदा हो गए हैं। शहर से लेकर गांव तक धड़ल्ले से शराब की सप्लाई हो रही है। नीतीश सरकार शराबबंदी को सफल बनाने के लिए हर जतन किया, लाखों लोगों को गिरफ्तार किया। आज भी 4 लाख के ऊपर शराब पीने के आरोप में लोग जेल में बंद हैं। इसके बाद भी बिहार में शराब का निर्माण और सप्लाई जारी है। ऐसे में नीतीश सरकार एक-एक लाख रुपये देने की योजना लाई है, ताकि शराब के अवैध धंधे से जुड़े लोगों को आर्थिक मदद कर उन्हें रोजगार से जोड़ा जा सके। दरअसल, मंगलवार को नीतीश कैबिनेट की बैठक हुई थी। बैठक में कुल 31 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई थी। नीतीश कैबिनेट ने शराब से जुड़े गरीबों को मुख्यधारा में लाने को लेकर 'सतत जीवकोपार्जन योजना' के तहत एक-एक लाख रुपये की मदद करने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई। बुधवार को बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी सामने आए और योजना के बारे में जानकारी दी। आमिर सुबहानी ने कहा कि आज भी लोग शराब के कारोबार से जुड़े हुए हैं। बिहार सरकार वैसे गरीब परिवारों को आर्थिक मदद करेगी। उन्होंने कहा कि जो भी शराब और ताड़ी का धंधा को छोड़कर अन्य काम करेगा, उसे सरकार ₹60 हजार ₹1 लाख तक आर्थिक मदद करेगी। 'सतत जीवकोपार्जन योजना' से 1.47 लाख लोगों को जोड़ा गयामुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने बताया कि 'सतत जीवकोपार्जन योजना' के तहत 2017 से लकर अब तक एक लाख 47 हजार 277 लोगों को जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि वैसे लोग जो शराब बनाने या फिर इससे परोक्ष या अपरोक्ष रूप से जुड़े हैं, उनको लाभ मिलेगा। जीविका के माध्यम से सहायता की जाएगी। सीएम नीतीश ने भी माना असली पकड़ से दूरबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ऑन कैमरा कहते हैं कि शराबबंदी के बावजूद धंधा जारी है। इस मामले में कई लोग पकड़ाए हैं। अभी भी जेल में बंद हैं। सीएम नीतीश कहते हैं कि पकड़ाने वाले अधिकतर पीने वाले हैं या बेचने वाला। असली लोग पकड़ा नहीं रहा है। कुछ ही है जो पकड़ा रहा है। नीतीश कुमार ने पुलिस-प्रशासन को सख्त संदेश देते हुए कहा है कि असली धंधेबाज को पकड़िए और उन्हें जेल भेजिए। हालांकि नीतीश कुमार की शराबबंदी कानून पर उनके सहयोगी दल कई दफे सवाल खड़ा कर चुके हैं। पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने बुधवार को ही ताड़ी बैन करने पर नाराजगी जाहिर की है। मांझी ने कहा कि यह मुख्यमंत्री की जिद है और कुछ नहीं।
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