PFI का तुर्की और पाकिस्‍तान कनेक्‍शन मिला, विदेशों से फंडिंग लेकर देश में फैला रहे थे आतंक

नई दिल्ली: प्रतिबंध लगने के 24 घंटे के भीतर का आधिकारिक ट्विटर हैंडल @PFIofficial गुरुवार सुबह बंद कर दिया गया। गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देश पर ट्विटर इंडिया ने ये कदम उठाया है। पीएफआई के इस ट्विटर हैंडल के करीब 80,000 फॉलोअर्स थे। इसके साथ ही पीएफआई अध्यक्ष ओएमए सलाम और महासचिव अनीस अहमद के ट्विटर अकाउंट भी बंद कर दिए गए हैं। इन दोनों को एनआईए ने छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किया था। हालांकि, पीएफआई के अधिकतर स्टेट अकाउंट चालू हैं। अलग-अलग राज्यों में पीएफआई के दफ्तरों को सील करने का क्रम जारी है। इसी कड़ी में असम में पीएफआई के तीन दफ्तरों को सील किया गया। गुरुवार को पीएफआई को लेकर चल रही जांच में नई बातें सामने आईं। एजेंसी के नोट के मुताबिक, पीएफआई को इंटरनैशनल फंडिंग मिलने के पर्याप्त साक्ष्य एनआईए और ईडी के पास हैं। साथ ही दो विदेशी खुफिया एजेंसी, पाकिस्तान की ‘आईएसआई’ और तुर्की की ‘एमआईटी’ के साथ पीएफआई के लिंक से देश विरोधी अंतरराष्ट्रीय साजिश का खुलासा हुआ है। जांच एजेंसी से जुड़े सूत्र ने बताया कि इंटेलिजेंस और एजेंसियों की एक अहम रिपोर्ट है। इसमें तुर्की और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी का यह गठजोड़ जेहाद के नाम पर अंतरराष्ट्रीय फंडिंग कर रहा था। इस रकम का इस्तेमाल भारत के खिलाफ कश्मीर और दूसरे राज्यों में टेरर फंडिंग के लिए किया जा रहा था। हलावा के लिए भारत भेजा गया पैसाईडी ने पिछले दो साल में पीएफआई नेताओं के कई दफ्तरों और घरों पर संदिग्ध मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में छापेमारी की थी। पीएफआई नेताओं को गिरफ्तार किया गया। जांच के दौरान पता चला कि पीएफआई ने खाड़ी देशों में फंड जुटाने के लिए इस्लाम के नाम पर एक नेटवर्क तैयार किया था। जमा किए गए फंड को हवाला के जरिए भारत भेजा गया था। एजेंसी के सूत्र ने बताया, पीएफआई के दो नेताओं ने दो साल में फिलिस्तीन के मुद्दे पर आयोजित एक प्रोग्राम के लिए तुर्की का दौरा किया था। 2020 में पीएफआई ने अपने सहयोगी संगठनों के लिए 'आधुनिक तुर्की की इस्लाम में वापसी' पर एक ऑनलाइन डिस्कशन प्रोग्राम का आयोजन किया था। इसमें पीएफआई ने तुर्की के राष्ट्रपति की तुर्की में इस्लामी शासन लाने के लिए तारीफ की थी। तुर्की में आयोजित इस प्रोग्राम को जिस संगठन ने आयोजित किया उस पर सीरिया में अल-कायदा से जुड़े आतंकवादियों को हथियारों की सप्लाई करने का आरोप है। जांच एजेंसी ने हाल ही में अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि पीएफआई ने युवाओं को लश्कर-ए-तैयबा, अल कायदा और आईएसआईएस जैसे आतंकवादी ग्रुप में शामिल होने के लिए ब्रेन वॉश किया था।


from https://ift.tt/zvlciI7

No comments