गोरखपुर के IIT पास आउट दो युवाओं की 'भरोसे की चाय', ये है न्यू इंडिया का स्टार्टअप
गोरखपुर: अगर कुछ पाने की चाहत दिल में हो और उसके लिए दिल से प्रयास किया जाए तो फिर लोग उसे पा ही लेते हैं। ये लाइनें आपको फिल्मी लग सकती हैं, लेकिन 'जहां चाह, वहां राह' वाली कहावत ऐसे ही नहीं बनी। आईआईटी की परीक्षा पास की। आईआईटी में दाखिला लिया। बीटेक की पढ़ाई पूरी की। मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब मिली। एक लाख रुपये मासिक वाला पैकेज। लेकिन दिल को किसी के अंडर काम करना कहां मंजूर था। इन्हें तो अपनी कहानी खुद लिखनी थी। नौकरी छोड़ी और चाय की दुकान खोल दी। जी हां, सही पढ़ा आपने चाय की दुकान। ब्रांड नेम 'भरोसे की चाय'। पहले लोगों ने ताने मारे। अब उनके चाय की चुस्कियों के दीवाने बन गए हैं। दोनों को साथ मिला है तीसरे साथी का। एमबीए है, लेकिन काम में हाथ बंटाने आ गया है। हम यहां बात कर रहे हैं आईआईटीयन मोहित प्रजापति और उपेंद्र यादव की। साथ ही, उनके बिजनेस को मैनेज करने में मदद करने वाले एमबीए पास आउट निकुंज शर्मा। तीनों पहले मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करते थे। दोनों आईआईटीयंस को मल्टीनेशनल कंपनी ने करीब 12 लाख रुपये का पैकेज ऑफर किया था। नौकरी भी की, लेकिन जमी नहीं। पिछले शिक्षक दिवस के मौके पर दोनों ने मिलकर चाय की दुकन खोल ली। काम में शिद्दत ऐसी कि कुछ ही दिनों में यह चर्चा के केंद्र में आ गई है। हर कोई उनके स्टार्टअप की तारीफ कर रहा है। दीवाना बनाना है मकसद गोरखपुर के तीनों युवाओं ने सीतापुर आई हॉस्पिटल के सामने अपने भरोसे की चाय की दुकान खोली है। नाम के बारे में पूछने पर बताते हैं, हम तो दीवाना बनाने आए हैं। लोगों को चाय का दीवाना। इसके जरिए चाय के दीवानों का भरोसा जीतने का मकसद है। उनकी चाय का टेस्ट ऐसा है, आप एक बार पीयेंगे तो बार-बार वहीं जाने लगे लगेंगे। मतलब, भरोसे की चाय लोगों का भरोसा जीतने लगी है। चाय बिजनेस पर इनकी राय अनोखी चाय का बिजनेस ही क्यों चुना? सवाल का जवाब देते हुए मोहित और उपेंद्र बताते हैं कि हम पहले मल्टीनेशनल कंपनी में काम करते थे। हमें लगा क्यों न कुछ अलग किया जाए। कुछ मजेदार हो। ऐसे में उन्होंने स्टार्टअप शुरू करने का निर्णय लिया। फिर देखा कि तमाम जगहों पर एक चीज कॉमन है, वह है चाय। चाय लोगों को जोड़ती है। फिर उन्होंने चाय को ही अपना धंधा बनाया। उन्होंने चाय के स्टार्टअप से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने की योजना बनाई है। लाख से अधिक लोगों का जीत चुकी है भरोसा भरोसे की चाय अब तक एक लाख से अधिक लोगों का भारोसा जीत चुकी है। हर दिन के साथ कारवां बढ़ रहा है। चाय के शौकीनों का यहां जुटान होने लगा है। भविष्य में फ्रेंचाइजी शुरू करने और नए स्थानों पर लोगों को भरोसे की चाय से जोड़ने की रणनीति भी है। अभी उन्होंने अपनी दुकान पर चाय की कीमत सामान्य दुकानों की तर्ज पर ही रखी है। आसानी से यह लोगों की पहुंच में हैं। टेस्टी है। यह लोगों की जुबान को भी भा रही है। भरोसे की चाय की दुकान पर आपको कई वेराइटी मिल जाएगी। अदरक वाली चाय से लेकर इलायची, पान, चॉकलेट वाली चाय तक यहां उपलब्ध है। इसके अलावा रोज चाय, मसाला चाय और इंदौरी चाय भी लोगों की जुबान को खूब भा रही है। इंटरनेशनल चाय दिवस के दिन मुफ्त चाय पिलाकर इन्होंने बड़ी संख्या में लोगों को अपना मुरीद बनाया। अब कारवां बढ़ रहा है।
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