Live: अंधेरी पूर्व विधानसभा उपचुनाव कितने वोटों से जीती ऋतुजा लटके, यहां देखें रिजल्ट

मुंबई: लंबी कानूनी लड़ाई और मशक्कत के बाद दिवंगत रमेश लटके (Ramesh Latke) की पत्नी ऋतुजा लटके ने नामांकन दाखिल कर अंधेरी उपचुनाव का संग्राम लड़ा अब रविवार को इसके नतीजे का ऐलान किया जाना है। रविवार को मतगणना की जाएगी। हालांकि, इस चुनावी जंग में ऋतुजा लटके (Rutuja Latke) की जीत तय है क्योंकि इस उपचुनाव में किसी भी दल ने अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं किया था। ऋतुजा लटके को कांग्रेस (Congress) और एनसीपी (NCP) ने अपना समर्थन दिया हुआ था। जबकि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (Maharashtra Nav Nirman Sena) ने कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा था। बीजेपी (BJP) और एकनाथ शिंदे गुट (Eknath Shinde) की तरफ से मुरजी पटेल शुरुआत में चुनावी मैदान में उतरे तो जरूर थे लेकिन आखिरी दिन उन्हें अपना नामांकन वापस लेना पड़ा था। यह कमाल भी तब हुआ था जब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने पत्र लिखकर (Devendra Fadnavis) से अपना उम्मीदवार वापस लेने की गुजारिश की थी। उनके पत्र का सम्मान करते हुए देवेंद्र फडणवीस ने भी मुरजी पटेल को इस चुनावी संग्राम से बाहर निकलने का आदेश दिया था। मुर्जी पटेल की उम्मीदवारी के उम्मीदवारी वापस लेने के बाद से ही यह मुकाबला एकतरफा हो चुका था। इसमें कुछ निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में जरूर थे लेकिन उनके लिए यह चुनाव जीत पाना नामुमकिन था। 33 फीसदी हुआ मतदान मुंबई के में तकरीबन 33 फीसदी वोटिंग हुई थी। तीन नवंबर को हुई वोटिंग के दौरान ऋतुजा लटके का मुकाबला इस सीट पर चुनाव लड़ रहे अन्य 6 उम्मीदवारों से है। रुक जा लड़के के साथ मनोज नायक, बाला नाडर, नीना खेडेकर, फरहाना सिराज सैयद, मिलिंद कांबले और राजेश त्रिपाठी चुनावी मैदान में हैं। इनमें से चार उम्मीदवार निर्दलीय हैं। आज होने वाली मतगणना पर सबकी निगाहें टिकी हुई है। चुनाव लड़ने से रोकने की साजिश ऋतुजा लटके को जब उद्धव ठाकरे ने अपना अधिकृत उम्मीदवार बनाया था। तब उनकी राह में कांटे बिछाने का काम विपक्षी बीजेपी और एकनाथ शिंदे गुट की तरफ से किया गया था। कोशिश यह थी कि ऋतुजा लटके यह चुनाव लड़ने ही न पाएं और उनको शुरुआत में ही परेशान कर दिया जाए। ताकि वह चुनाव लड़ने का इरादा बदल दें। ऋतुजा लटके बीएमसी में क्लर्क के रूप में काम करती थी। लेकिन उनके इस्तीफे को बीएमसी ने आखिरी क्षण तक मंजूर नहीं किया था। हालात इतने मुश्किल हो गए थे कि अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा था। अदालती आदेश के बाद बीएमसी ने रुतुजा लटके का इस्तीफा मंजूर किया।तब जाकर उनका चुनाव लड़ने का उनका रास्ता साफ हो पाया लेकिन ऋतुजा लटके की मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हुई थी। उनके खिलाफ बीजेपी और एकनाथ शिंदे गुट की तरफ से मुर्जी पटेल चिर प्रतिद्वंदी थे। जिनके मैदान में रहने से ऋतुजा लटके की जीत मुश्किल नजर आ रही थी। लेकिन राज ठाकरे के पत्र के बाद बीजेपी ने अपने उम्मीदवार मुझे पटेल का नामांकन वापस लिया। नतीजों के बाद ऋतुजा लटके लगभग इस चुनाव में निर्विरोध जीतने वाली महिला उम्मीदवार होंगी।


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